संयुक्त प्रेस क्लब पर धूमधाम से संपन्न हुआ 198 वां हिंदी पत्रकारिता दिवस का भव्य कार्यक्रम
एटा संयुक्त प्रेस क्लब उ.प्र. के तत्वावधान में गुरूवार को दोपहर 1 बजे हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारिता में चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन शहर के जीटी रोड स्थित शहीद पार्क में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यादायनी मां सरस्वती के सम्मुख अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।
कार्यक्रम में पंचायती राज के सभापति विपिन वर्मा डेविड सदर विधायक ने कहा कि आज देश में तीन तरह की पत्रिकारिता होने लगी है एक अखबारों की, दूसरी इलेक्ट्रॉनिक चैनलों की, तीसरी सोशल मीडिया की लेकिन लोग आज भी सबसे अधिक विश्वास प्रिंट मीडिया पर ही करते हैं क्योंकि प्रिंट मीडिया की लिखी खबर को एक सच्ची बात माना जाता है उन्होंने हिंदी के पहले अखबार उदंत मार्तंड व हिंदी पत्रकारिता के इतिहास पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए, आईपीएस आदित्य प्रकाश वर्मा ने कहा की देश में जितने भी अखबार है उनमें आधे समाचार पत्र हिंदी में है, हिंदी पत्रकारिता का शुभारंभ पंडित जुगल किशोर ने कोलकाता से किया था उस समय समाचार पत्र का वार्षिक चंदा 2 रूपये हुआ करता था तथा हिंदी पत्रकारिता मे भारी कठिनाइयों जोखिम का सामना करना पड़ा प्रिंट मीडिया का हमेशा वर्चसव रहा है,आज भी लोगों की प्रातः समाचार पत्र पढ़ने की आदत सी हो गई है लोगों को सुबह चाय के साथ आज भी अखबार चाहिए सुबह पढ़े जाने वाले अखबारों में आधे से अधिक की संख्या आज भी हिंदी होती है हिंदी हमारे देश की मातृभाषा है साथ ही उन्होंने सभी पत्रकार भाइयों को हिंदी पत्रकार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि, संयुक्त प्रेस क्लब के पिछले वर्ष 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस के कार्यक्रम में भी मुझे आने का मौका मिला था तब भी और आज भी जो आप लोगों का आयोजन है वह आत्म अवलोकन से गुजरता है, हम लोग तो इस आत्म मंथन कार्यक्रम के सिर्फ साक्षी मात्र हैं। आप लोगों ने बहुत अच्छा आत्म अवलोकन किया अपनी गलतियों को भी खुलकर स्वीकार किया जो प्रश्न छूट रहा था उसे , पूर्व वक्ता कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय लेकर आए हम हिंदी पत्रकार दिवस के मौके पर भी हिंदी की बात तो कम करते हैं। पत्रकारिता की बात ज्यादा ,उन्होंने कहा हम लोगों का भी नौकरी की तैयारी के समय सब्जेक्ट हिंदी ही था जिस कारण आज भी हिंदी से हमारा सम्मोहन रहता है। पहले जो हिंदी समाचार पत्र होते जब से उन्होंने अपना आगाज किया है शुरुआत में समाज के बीच जितनी भी भाषायें प्रचलित होती हैं सभी को पत्रकारिता ने एक मानक अर्थ दिया जो शब्द प्रचलित नहीं थे आवश्यकता के अनुसार उन्हें भी खोजा आज सोशल मीडिया के जमाने में कुछ लोग खबरें लिखते हैं बाकी के लोग भेजते हैं जो लोग केवल खबरें भेजते हैं अगर वह भी खबरें लिखना शुरू कर दें तो हो सकता है आपके सोचने का अंदाज अलग हो आप नए शब्द खोज करें नए भाव व्यक्त करें आपकी पत्रकारिता शब्दों की फैक्ट्री है आप अविष्कार नहीं करेंगे आप उन्हें अर्थ नहीं देंगे तो बड़ी देर हो जाएगी हिंदी के विकास में यह पहली कड़ी है जहां आविष्कार होते हैं जब तक समाचार पत्र है तब तक प्रिंट पेपर पढ़े जाते रहेंगे तब तक प्रिंट मीडिया का स्कोप रहेगा उन्होंने पत्रकारों से कहा आप शांत रहेंगे तो स्वस्थ नहीं रहेंगे आप बोलते रहे तो स्वस्थ रहेंगे
वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण प्रभाकर उपाध्याय ने कहा हमने जब पत्रकारिता की तब हमारे गुरु जी ने कहा था इसमें भी चार वरण होते हैं ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य ,शूद्र ब्राह्मण वह वर्ग है जो अपने कार्यों में व्यस्तता से लगा है किसी से कोई मतलब नहीं रखता, क्षत्रिय वह है जो काम भी कर रहा है और उछल कूद भी कर रहा है और महसूस भी कर रहा है कि हम भी हैं, वेश या उन्हें माना गया है जो पैसा लेकर अपने जीव कोपार्जन कर रहे है, जिनकी हर समाज में आजकल चर्चा चल रही है शूद्र पत्रकार वह है, जो अपने बांस का आदेश सर्वमान्य मानकर करते हैं अगर आदेश हो गया तो काम कर दिया नहीं तो बहुत तो बास से कहा आप भी शांति से बैठे। उन्होंने कहा हिंदी अखबार का उदय इसलिए हुआ क्योंकि अंग्रेजी अखबार अंग्रेजी मीडिया अंग्रेज प्रभ्रुओं के हित में ही काम किया करती थी हिंदी वीडियो की आवाज भी अंग्रेजी शासको के पास तक नहीं पहुंच पाती थी हिंदी भाषियों की आवाज अंग्रेज़ शासकों के कानों तक पहुचाने के लिये हिंदी, अखबार निकाला
इस कार्यक्रम के मध्य में पत्रकार परिवार का नाम रोशन करने वाली उमाकांत तिवारी की पुत्री प्रज्ञा तिवारी को, पीसीएस (जे) उत्तराखंड की परीक्षा पास कर उसमें चौथा स्थान प्राप्त करने पर संयुक्त प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुनील मिश्रा ,आईपीएस आदित्य वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाहा, सर्वेश उपाध्याय, सुधा गुप्ता ने सामूहिक रूप से प्रज्ञा तिवारी को स्मृति चिन्ह देकर तथा फूल माला पहनाकर ,शाल उड़ाकर सम्मानित किया ।
इस सम्मान के दौरान बेटी प्रज्ञा ने कहां कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
मिरहची नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि सर्वेश उपाध्याय ने कहा की मेरी समझ में सभी लोग अच्छे नहीं होते हैं उसी प्रकार पत्रकारों में भी सभी पत्रकार ठीक नहीं है कुछ लोग पत्रकारिता की गरिमा को गिराने का भी कार्य करते हैं। कुछ सम्मान बढ़ाने का पत्रकार शासन व जनता के बीच सेतु का काम करता है। पहले एक दौर था जब चुनिंदा पत्रकार होते थे आज पत्रकारिता में रोजगार की कोई कमी नहीं है। लेकिन उसके लिए स्वयं को साबित करने की आवश्यकता है।
विभिन्न वक्ताओं का कहना था कि 30 मई 1826 को प्रकाशित हुआ पहला हिंदी का समाचार पत्र उदंत मार्तंड आज भी हिंदी के पत्रकारों के लिए ऊर्जा का स्रोत बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने हिंदी पत्रकारिता को मजबूती देने के साथ ही रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराए हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेल अधीक्षक अमित चौधरी ने हमारे देश की मातृभाषा हिंदी है और हिंदी समाचार पत्र हमेशा अपनी एक पहचान बनाये हुए हैं और भविष्य में भी यह अग्रिम पंक्ति में ही रहेंगे ।
कार्यक्रम में अपर जिला सूचना अधिकारी कमलदीप यादव ने कहा आज के युग में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी पत्रकारिता आगे है सभी स्थानों पर अगर दो अंग्रेजी के समाचार पत्र आते हैं तो 20 हिंदी के समाचार पत्र पढ़े जाते हैं उन्होंने कहा की पत्रकारिता एक कांटो का ताज है, संघर्ष इसकी प्रथम कड़ी है कार्यक्रम में बिशनपाल सिंह चौहान ने पत्रकारिता में आई गिरावट तथा पत्रकारिता में आने वाली चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किया ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष नेत्रपाल सिंह चौहान ने कहा पत्रकारों के लिए पहले भी चुनौती थी तथा आज भी एक चुनौती है सच का साथ देने पर शासन प्रशासन पत्रकारों पर भी कार्यवाही से नहीं चूकता हमें एक होकर पत्रकार उत्पीड़न करने वालों से संघर्ष करना होगा तभी निष्पक्ष पत्रकारिता की जा सकती है ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामनरेश चौहान ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही तथा नेताओं की गुंडागर्दी के चलते अभी तक कई पत्रकार शहीद हुए हैं हमारी एकता के संघर्ष से ही उन्हें सरकार ने राहत दी उनकी मदद की प्रशासन आज भी पत्रकारों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रहा हमें ऐसे अधिकारियों नेताओं को चिन्हित कर उनसे संघर्ष करना पड़ेगा तभी हम निष्पक्ष पत्रकारिता कर सकेंगे
सम्बोधित कर रहे अतिथियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लेखक होना गौरव की बात है, पत्रकार बनना चुनौतीपूर्ण है। आज पत्रकारिता में शोध की आवश्यकता है, हालांकि रोजगार के साथ चुनौतियां कम नहीं हैं एक अच्छे पत्रकार को टीआरपी से ज्यादा देश, दुनिया की चिंता करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पत्रकार को अपनी नैतिक जिम्मेदारी का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। पाठकों की भी जिम्मेदारी है कि वह क्या पढ़ना पसंद करते हैं।
संयुक्त प्रेस क्लब के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील मिश्रा ने सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं उन्होंने हिंदी पत्रकारिता के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्रेस क्लब के आयोजित इस कार्यक्रम में आए सभी आगंतुक पत्रकारों अतिथियों को आयोजन समिति ने स्मृति चिन्ह तथा शॉल उड़ाकर सम्मानित किया अंत में सभी ने जलपान कर कार्यक्रम को समाप्त किया। ।।
इस दौरान प्रेस क्लब के प्रांतीय महामंत्री प्रमोद लोधी, संगठन मंत्री संदीप शर्मा, जिलाध्यक्ष प्रवीन शर्मा, वैभव वार्ष्णेय, मदन गोपाल शर्मा उमाकांत तिवारी राजाराम यादव राकेश भदोरिया अकरम खान वीरेंद्र सिंह गहलोत, दिलीप सक्सेना, देवेंद्र शर्मा ,अरुण उपाध्याय, शैलेंद्र उपाध्याय, सुनील यादव, , नीतेश यादव, दीप्ति चौहान, दिनेश, प्रदीप वर्मा, राहुल वर्मा मोहित यादव ,शिवम गुप्ता, राजीव, राघवेंद्र यादव, अखिलेश दीक्षित ,सरवर हुसैन ए पीचौहान ,दानिश खान ,सर्वेंद्र शर्मा अमित कुमार सुनील यादव अमन यादव वैभव पचौरी आशु पाराशर सचिन कुमार अभिषेक कुमार रोहित कुमार प्रवीण कुमार पाठक मनोज कुमार अमित माथुर शिवकुमार मनपाल अनीश कुमार आशीष कुमार सरदार गजराज सिंह आरबी गुप्ता भूदेव मिश्रा उज्जवल पांडे प्रवेश मिश्रा दीपेंद्र दीक्षित ज्ञानेश कुमार पवन पाठक आदि अनेक पत्रकारगण उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन राजेश दीक्षित ने किया। अंत में सभी अतिथियों तथा आगंतुकों का नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने धन्यवाद देकर सभी का अभिवादन किया।
संवाददाता वैभव वार्ष्णेय