स्ट्रांग रूम के परिसर के अंदर होने वाली प्रत्येक गतिविधि को सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रिकॉर्ड किया जा रहा है। प्रशासन और पुलिस की ओर से परिसर में कई जगह गुप्त सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई संभव हो।
लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार की देर रात तक स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीनें ताले में बंद कर दी गईं। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बनाए गए स्ट्रांग रूम में सभी ईवीएम को सुरक्षित रखा गया है। समस्त ईवीएम के एकत्रीकरण के बाद उन्हें निर्वाचन अधिकारियों की उपस्थिति में सील करने की कार्रवाई की गई।
स्ट्रांग रूम का ताला अब मतगणना के दिन खुलेगा। यह मशीनें चार जून को सुबह स्ट्रांग रूम से बाहर निकाली जाएंगीं। तब तक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा हथियारबंद जवान करेंगे। स्ट्रांग रूम में रखे ईवीएम की सीसीटीवी कैमरे की मदद से कंट्रोल रूम से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसके बाद अर्द्ध सैनिक बल व सशस्त्र पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
एक एसीपी, एक सीओ, तीन इंस्पेक्टर, 16 दरोगा, 20 हेड कांस्टेबल, 44 कांस्टेबल, एक प्लाटून सीएपीएस की तैनाती की गई है। स्ट्रांग रूम के बाहर भी जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। स्ट्रांंग रूम के आसपास चौबीस घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेगा।
परिसर के अंदर होने वाली प्रत्येक गतिविधि को सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा। प्रशासन और पुलिस की ओर से परिसर में कई जगह गुप्त सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है। ताकि किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई संभव हो। लोकसभा प्रत्याशी और उनके प्रतिनिधियों के लिए भी स्ट्रांग रूम के बाहर व्यवस्था की गई है। ताकि निष्पक्ष प्रक्रिया और ईवीएम की सुरक्षा को वे देख सकें।
विधानसभा वार जमा की गईं मशीनें
लोकसभा चुनाव में मतदान में उपयोग की गई ईवीएम का एकत्रीकरण विधानसभा वार अलग-अलग किया गया है। मतदान के दौरान तकनीकी समस्या वाली ईवीएम मशीनों को भी ताला लगा दिया गया है। चुनाव में उपयोग की गई अन्य अभिलेख एवं सामग्री को भी विधानसभा वार अलग-अलग सुरक्षित रखा गया है।
मतगणना के लिए पांच कंपनी अर्द्ध सैनिक बल रहेगी मुस्तैद
लोकसभा चुनाव के लिए जिले में 28 कंपनी अर्द्ध सैनिक सैनिक बल को बुलाया गया था। चुनाव के बाद अर्द्ध सैनिक बल रवाना हो गई। इसमें से पांच कंपनी अर्द्ध सैनिक बल को चार जून को मतगणना कराने के लिए रोका गया है।