खंडवा परम पूज्य सत्पुरुष श्री कानजी स्वामी जी की मंगल प्रभावना से दिगंबर जैन मुमुक्ष मंडल एवं महिला मंडल के तत्वाधान में 19 वां जैनत्व बाल संस्कार शिक्षण समिति एवं श्री द्रव्य संग्रह मंडल विधान का आयोजन प्रतिदिन सराफा जैन धर्मशाला में विद्वान पंडितों के मार्गदर्शन में चल रहा है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि इस संस्कार शिविर के माध्यम से समाज के बच्चों को धर्म और संस्कृति की शिक्षा से संस्कारित भी किया जा रहा है, धर्म के शिक्षकों द्वारा धर्म की शिक्षा के माध्यम से देव दर्शन, पूजा अर्चना, भगवान का अभिषेक, शांति धारा के साथ धर्म की पुस्तकों के माध्यम से उन्हें ज्ञानअर्जन करवाया जा रहा है, प्रतिदिन मंडल विधान की पूजा के साथ सुबह दोपहर और रात्रि में बांसवाड़ा से पधारे पंडित अश्विन नानावटी द्वारा प्रवचन के माध्यम से धर्म प्रभावना की जा रही है, रविवार को आयोजित प्रवचन में पंडित जी ने कहा कि देव शास्त्र गुरु तो जगत के सर्वोत्तम पदार्थ है इनके आश्रय से ही धर्म की शुरुआत होती है इसमें शिथिलता करना महा पाप का कारण है ।जो वितरागी सर्वज्ञ और हितोपदेशी है वही सच्चे भगवान कहलाते हैं कूदेव कुगुरु कु शास्त्र व उनके मानने वालों की प्रशंसा करना उनकी अनुमोदना करना यह सब ग्रहित मिथ्यात्व है ।और जो जीव गृहीत मिथ्यातत्व को छोड़कर वीतरागी भगवान द्वारा बताया गया वस्तु स्वभाव को समझ कर अपनी आत्मा को समझेगा वह चार गति 84 लाख योनियों के दुख को छोड़कर सादी अनंत काल तक सिद्ध स्वरूप में विराजमान होकर अपनी आत्मा का अतिइंद्रिय आनंद को भोगेगा यदि यह जीव अपनी आत्मा को ना जानकर राग द्वेष रूप परिणामित होता है तो यह संसार में नाना प्रकार के त्रसऔर स्थावर पर्याय में भटक कर नरक निगोद में चला जाएगा, पंडित नानावटी जी ने कहा कि इसलिए सुखी होने का मात्र एक ही मंत्र है अनादि निधन वस्तुएं भिन्न-भिन्न अपनी-अपनी मर्यादा से परिणामित होती है कोई किसी को परिणमित नहीं कर सकता यह अटल विश्व व्यवस्था समझ कर जीव मोक्ष सुख को प्राप्त कर सकता है ।यह विचार बांसवाड़ा राजस्थान से पधारे पंडित श्री अश्विनजी नानावटी जैन दर्शनआचार्य द्वारा द्रव्य गुण पर्याय की कक्षा के माध्यम से साधर्मियों को कक्षा के माध्यम से बताया गया । सुनील जैन ने बताया कि रविवार सुबह बाल संस्कार शिविर के अंतर्गत नन्हे मुन्ने बच्चों के द्वारा श्री जी का विधि विधान पूर्वक प्रक्षाल अभिषेक किया तत्पश्चात देव शास्त्र गुरु की पूजन के माध्यम से बच्चों को बहुत सुंदर नए-नए जैन सिद्धांतों को सरल खेल-खेल में बच्चों को सात तत्व द्रव्य पाप कषाय गलत खाना ,पानी छानने की विधिआदि कई सामान्य जानकारी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया गया, दोपहर को आचार्य नेमीचंद देव द्वारा रचित द्रव्य संग्रह ग्रंथ के माध्यम से राजमल जी पवैया द्वारा रचित द्रव्य संग्रह विधान का संगीतमय वातावरण में बहुत सुंदर आयोजन किया जा रहा है और रात्रि कालीन सभा के अंतर्गत बच्चों को एनिमेशन के माध्यम से डेरी मिल्क मैगी आदि में जीवो के कलेवर का उपयोग किस प्रकार किया जाता है अर्थात यह पदार्थ खाने योग्य नहीं है और नाना प्रकार बीमारी के कारण है ऐसी सामान्य जानकारी भी बताई गई, सात दिवसीय इस संस्कार शिविर में प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे से प्रभात फेरी 7:00 से 8:30 तक श्री जी का पश्चाल एवं नित्य नियम पूजन 8:30 से 9:00 तक सत्पुरुष श्री कानजी स्वामी का सी डी प्रवचन 9:00 बजे से 10:00 तक बांसवाड़ा से पधारे पंडित अश्विन जी नानावटी द्वारा प्रवचन दिए जा रहे हैं, संस्कार शिविर का समापन 28 में मंगलवार को होगा।
संवाददाता असफाक सिद्दीकी