Retired IAS officer wife murdered: रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवेंद्र दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या का खुलासा हो गया है। हत्यारे पकड़े न जाएं इसके लिए उन्होंने पुलिस को खूब गुमराह किया।
सेवानिवृत्त आईएएस देवेंद्र दुबे की दूसरी पत्नी मोहिनी (58) की हत्या कर एक करोड़ के जेवरात लूटने वाले बदमाशों ने बचने के लिए हरेक कोशिश की। वारदात के बाद से वह पुलिस के सामने ही रहे। यहां तक कि मास्टरमाइंड और मोहिनी का गला कसने वाले अखिलेश ने खुद चौकी में जाकर पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने कदम-कदम के सीसीटीवी फुटेज जुटाकर और नीले रंग (एक ही कंपनी की) की एक हजार स्कूटी की पड़ताल कर कातिलों को बेनकाब कर दिया।
कुछ इस तरह से किया गुमराह…
1- मोबाइल का नहीं किया इस्तेमाल
डीसीपी नॉर्थ अभिजीत आर शंकर ने बताया कि आरोपियों ने वारदात के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। अखिलेश ने अपना मोबाइल घर पर छोड़ दिया था। रंजीत का मोबाइल उसकी पत्नी इस्तेमाल कर रही थी। जिससे जब उनकी लोकेशन देखी जाए तो पुलिस को संदेह न हो।
2- वारदात के बाद भागे नहीं, तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे
वारदात को अंजाम देने के बाद अखिलेश और रंजीत सीधे अपने घर पहुंचे थे। इधर रवि ने जब अखिलेश को सूचना दी तो वह ऊपर वाली सफेद टी-शर्ट निकालकर मौके पर पहुंचा था। इसलिए घटनास्थल पर वह नीली टी-शर्ट में था। इससे अगर वह कहीं फुटेज में कैद हो तो पहचान न हो सके। तीनों में से कोई भी घर छोड़कर नहीं भागा। घटना की सूचना पर अखिलेश तुरंत मौके पर पहुंचा था।
3- पुलिस को खुद सूचना दी, अस्थि विसर्जन में भी शामिल रहा
देवेंद्र गोल्फ खेलने के बाद ड्राइवर रवि के साथ घर पहुंचे थे। मोहिनी को मृत पड़ा देखकर रवि ने सबसे पहले भाई अखिलेश को फोन कर बुलाया था। अखिलेश ने मौके पर पहुंचकर 112 डायल किया। जब कॉल नहीं लगी तब रिंग रोड पुलिस चौकी पर पहुंचकर सूचना दी थी। यही नहीं, पोस्टमार्टम कराने से लेकर अस्थि विसर्जन तक में अखिलेश व रवि शामिल रहे।
4- स्कूटी की नंबर प्लेट मोड़ी
वारदात के लिए जब दोनों आ रहे थे तब रास्ते में स्कूटी की नंबर प्लेट मोड़ दी थी। इससे फुटेज में वह न दिखे। नंबर प्लेट मोड़ते हुए फुटेज पुलिस को मिला है।
ऐसे फंसे पुलिस के जाल में
1- नीले रंग की स्कूटी की कंपनी देखी, जुटाया विवरण
जब पुलिस ने फुटेज देखी तो सबसे पहले स्कूटी पर दो युवक दिखे। दोनों हेलमेट लगाए थे। नीले रंग की स्कूटी की कंपनी का नाम साफ दिखा। उस कंपनी से हाल में बेची गई नीले रंग की स्कूटी की संख्या व विवरण मांगा। कंपनी ने एक हजार स्कूटी की डिटेल दी। इधर पुलिस ने फुटेज से आधा अधूरा नंबर चिह्नित किया। एक-एक कर आखिर में तीन स्कूटी चिह्नित की। इसमें एक कैंट घोसियाना के पते पर थी। जो रंजीत के नाम पर थी।
2- हेलमेट हटाना पड़ा भारी
पुलिस रंजीत नाम के शख्स के बारे में जानकारी जुटा ही रही थी कि तभी एक और फुटेज सामने आया जिसमें स्कूटी पर बैठे पीछे वाले बदमाश ने हेलमेट उतार रखा था। पुलिस ने इस फुटेज की तस्दीक रंजीत नाम के शख्स से कराई। जो पुख्ता निकली।
3- रंजीत के भाई ने खोल दी पोल
पुलिस को जब साफ हो गया कि स्कूटी रंजीत की थी और फुटेज में वही था। तब कॉल डिटेल निकाली। पता चला कि घटना के वक्त उसका मोबाइल घर पर ही था। इससे कुछ शक हुआ। जानकारी मिली कि रंजीत का भाई चोरी में जेल जा चुका है। तब पुलिस ने उसको उठाया। उसने कहा कि घटना में वह नहीं रंजीत है। तब पुलिस ने रंजीत को उठा लिया। उसने पूरी वारदात कुबूल ली। आखिर में अखिलेश व रवि को भी गिरफ्तार किया।
4- कार देखकर सक्रियता से भी लगा सुराग
जब सुबह सात बजे रवि कार से देवेंद्र को लेकर गोल्फ खेलने के लिए ले जा रहा था तो सोसाइटी के बाहर ही अखिलेश व रंजीत खड़े थे। फुटेज में देखा तो कार को देखकर अचानक से वह दोनों सक्रिय हो गए। तुरंत सोसाइटी की तरफ चले गए। ऐसा लगा कि उनको कुछ इशारा किया गया है। इससे बेहद अहम सुराग लगा था।