जयपुर के दुर्लभजी हॉस्पिटल में चार दिन तक वेंटिलेटर पर महिला का इलाज चला, इसके बाद परिजन महिला को एसएमएस अस्पताल लेकर गए, जहां पर मृत घोषित कर दिया गया।
सीकर जिले के रींगस कस्बे में धायल हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान हुई गड़बड़ी से महिला की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रसव के दौरान हुई गड़बड़ी के बाद महिला को जयपुर रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। इसको लेकर परिजन अस्पताल के सामने सड़क जाम करके प्रदर्शन कर रहे हैं। रींगस में उपखंड कार्यालय और तहसील होने के बावजूद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी परिजनों से बातचीत करने नहीं पहुंचा।
एडवोकेट सांवरमल चौधरी ने बताया कि पटवारी का बास निवासी बसंती देवी पत्नी सुरेश कुमार को 24 मई को रींगस के धायल हॉस्पिटल में प्रसव हुआ। प्रसव के दौरान अनट्रेंड स्टाफ ने महिला की डिलीवरी कराई। इस दौरान हुई गड़बड़ी के बाद महिला की हालत बिगड़ने पर आनन-फानन में करीब ढाई घंटे देरी से एंबुलेंस बुलाकर जयपुर रेफर किया गया। एंबुलेंस चालक ने भी परिजनों से रींगस से जयपुर पहुंचाने के 10 हजार रुपये मांगे, बाद में परिजनों द्वारा रियायत करके 9500 रुपये किराया दिया। जयपुर के दुर्लभजी हॉस्पिटल में चार दिन तक वेंटिलेटर पर महिला का इलाज चला, इसके बाद परिजन महिला को एसएमएस अस्पताल लेकर गए, जहां पर मृत घोषित कर दिया गया।
दुर्लभजी अस्पताल प्रशासन पर भी बैक डेट में जांच रिपोर्ट बनाने सहित रींगस के धायल हॉस्पिटल से सांठगांठ होने के आरोप लगाए गए। महिला की मौत के बाद शव को रींगस सीएचसी की मोर्चरी में रखवाया गया। धरना प्रदर्शन के दौरान परिजनों के साथ ग्रामीणों ने अस्पताल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए और मृतका के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस संबंध में मृतक महिला के जेठ शिवपाल जाट द्वारा रींगस पुलिस थाने में रिपोर्ट दी गई है।