दरअसल, हिमाचल पुलिस की विभिन्न बटालियनों से करीब 1,200 से अधिक पुलिस जवान बिहार, ओडिशा और राजस्थान समेत अन्य राज्यों में चुनाव ड्यूटी पर गए हैं।
भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन विभाग हर साल मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने पर लाखों रुपये खर्च करता है, लेकिन डिजिटल युग में आज भी हिमाचल पुलिस के जवान मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित रहने को मजबूर हैं। दरअसल, हिमाचल पुलिस की विभिन्न बटालियनों से करीब 1,200 से अधिक पुलिस जवान बिहार, ओडिशा और राजस्थान समेत अन्य राज्यों में चुनाव ड्यूटी पर गए हैं। 4 अप्रैल को हिमाचल से जब ये पुलिस जवान अन्य राज्यों में ड्यूटी पर गए थे तो उन्हें आश्वासन मिला था कि एक जून से पहले वह हिमाचल लौट आएंगे। ताकि वे अपने गृह चुनाव क्षेत्र में मतदान कर सकें। अभी तक बाहरी राज्यों से इनकी वापसी का रास्ता साफ नहीं हो पाया है। अब नए निर्देशों के अनुसार ये सभी 4 जून को मतगणना के बाद ही लौटेंगे। साफ जाहिर है कि पुलिस के जवानों को मतदान से वंचित रहना पड़ेगा।
2019 में सैनिकों को मिली थी सुविधा
2019 में भारत निर्वाचन आयोग ने देश की सरहदों की रक्षा करने वाले सेना के जवानों के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) की सुविधा दी थी ताकि देश की सरकार चुनने में सैनिकों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। हिमाचल प्रदेश पुलिस के जवानों के लिए सैनिकों की तरह ईटीपीबीएस की सुविधा नहीं है।
इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम की सुविधा केवल भारतीय सैनिकों के लिए है। प्रदेश पुलिस के जवानों के लिए इस तरह की सुविधा नहीं है। हां प्रदेश के भीतर पोस्टल बैलेट की सुविधा है, लेकिन प्रदेश के बाहर ऐसी सुविधा नहीं है।
दुनिया के सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ टशीगंग में इस बार 62 वोटर करेंगे अपने मताधिकार का प्रयोग
प्रदेश में लाहौल स्पीति जिले में दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र टशीगंग है। 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित टशीगंग में इस बार 62 मतदाता मतदान करेंगे। इनमें इनमें 37 पुरुष और 25 महिला मतदाता हैं। पिछले चुुनाव में यहां पर 52 वोटर थे। यहां पर हर चुनाव में सौ फीसदी वोटिंग का रिकॉर्ड है। इस बार भी ऐसी उम्मीद की जा रही है।