बजबाती गंदगी कूड़े करकट के ढेर सूखे बंद पड़े जल श्रोत दे रहे है निकम्मेपन की गवाही
सोया प्रशासन नगर के प्रथम नागरिक चेयरमैन भूले अपना नैतिक दायित्व
एटा। जिस उत्साह और उम्मीदों से शहर की जनता ने चेयरमैन को निकाय सत्ता की बागडोर सौंपी उन पर पानी फिरता नजर आ रहा है शहर की जनता अब पछताते हुए नगर पालिका की जन समस्याओं की अनदेखी पर रोक व्यक्त कर रही है हाल यह है की पूरा शहर कूड़े करकट बजबजाती गंदगी और प्रचंड गर्मी के आलम में पानी को तरस रही है जल श्रोतों को चालू करवाने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है।
भीषण गर्मी में प्यासों को चिढ़ाता कचहरी का सरकारी हैंडपंप
इस भीषण गर्मी के मौसम में बढ़ते हुए तापमान से मनुष्य के साथ पशु पक्षी भी बेहाल हैं और ऐसी स्थिति में कचहरी पर आने वाले वादकारियों को पीने के पानी के लिए कितनी परेशानी होती है यह किसी से छुपा नहीं है ।
कचहरी के चौराहे पर स्थित है सरकारी हैंड पंप बहुत लंबे समय से खराब है ।
इस हैंड पंप के खराब होने के कारण गरीब लोगों को भी पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है यदि यह हैंडपम सही हो जाए तो प्यासे गरीब लोग बिना जेब ढीली किए पानी पी सकते हैं ।
अब प्रश्न उठता है कि इस हैंड पंप को सही करने की जिम्मेदारी किसकी ?
क्या चौराहे से गुजरने वाले जिम्मेदारों को यह खराब पड़ा हैंडपंप दिखाई नहीं देता ?
सूत्रों की मानें तो इस हैडपंप और अन्य सार्वजनिक स्थान पर लगे सरकारी हैंडपंपों को आसपास के पानी और कोल्डड्रिंक विक्रेता ही खराब करते हैं ताकि किसी को प्यास लगने पर प्यासा व्यक्ति इनसे पानी खरीदकर पिए।
लेकिन इन दुकानदारों के ऐसा करने से क्या जिम्मेदारों की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है ?
क्या जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान देंगे ?
क्या समाचार चलने के बाद भी जिम्मेदारों के काम पर जूं रेंगेगी या कान में रूई ठूंसकर बहरे बने रहेंगे ?
क्या कचहरी चौराहे का यह हैंडपंप सही होगा ? , जिससे कचहरी आने वाले गरीब लोग निशुल्क अपनी प्यास बुझा सकें।
इसका जवाब भविष्य के गर्भ में छुपा है जो कुछ समय बाद सामने आएगा लेकिन अब तक भीषण गर्मी के बाबजूद सरकारी नल का खुद प्यासा होना जिम्मेदारों के निकम्मेपन का जीवंत मिसाल है।
इसी तरह अब इस शीतल जल स्त्रोत को कौन सही कराएगा ?
कचहरी के पास बने इस जल स्त्रोत से प्रतिदिन हजारों लोग पानी पीकर प्यास बुझाते थे लेकिन पिछले काफी समय से यह शीतल जल स्त्रोत बंद पड़ा है , जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
क्यों नही कराया जा रहा शीतल जल श्रोत
भीषण गर्मी के समय इस शीतल जल स्त्रोत का खराब होने सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस शीतल जल स्त्रोत को सही न कराने का एक ही कारण समझ में आ रहा है वो है जिम्मेदारों का निकम्मापन और अकर्मण्यता ।
जिम्मेदारों को आएगी शर्म या बने रहेंगे बेशर्म
प्रचंड गर्मी के मौसम में भी बंद पड़ा यह जल स्त्रोत बेशर्म जिम्मेदारों की पोल खोल रहा है।
संज्ञान लेंगे जनप्रतिनिधि या रहेंगे चुप ?
चुनाव के समय छोटे से लेकर बड़े सभी जनप्रतिनिधि जनसेवा को लेकर बड़े – बड़े
वादे तो करते हैं लेकिन इस अतिआवश्यक विषय पर अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि की प्रभावी पहल का इंतजार है।
संवाददाता वैभव वार्ष्णेय