जोगिंद्रनगर (मंडी) नगर परिषद जोगिंद्रनगर में डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन पर सवाल उठना लगे हैं। वार्डों को साफ कर गंदगी के ढेर नदी-नालों में मिलने से स्वच्छता के दावों की पोल भी खुलने लगी है। करीब 31 सफाई कर्मचारी निजी ठेकेदार के माध्यम से डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के लिए तैनात हैं। वहीं, नगर परिषद के आठ कर्मचारी भी सेवाएं दे रहे हैं।
जोगिंद्रनगर के वार्ड तीन और छह के बीच गुजरने वाले नाले गंदगी से भर गए हैं। लक्ष्मी बाजार के साथ लगते डाकघर के समीप कचरे के ढेर लोगों का मुंह चिढ़ा रहे हैं। प्रति माह करीब पांच लाख रुपये स्वच्छता अभियान पर खर्च हो रहे हैं। करीब 40 सफाई कर्मचारी शहरी क्षेत्र के सातों वार्डों में सफाई का जिम्मा संभाले हुए हैं।
नगर परिषद जोगिंद्रनगर डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना पर सालाना 50 लाख रुपये खर्च कर रही है। करीब दो हजार परिवारों के लिए शहरी क्षेत्र में शुरू हुई गारबेज कलेक्शन योजना और नगर परिषद की डंपिंग साइट में कचरे के निष्पादन के लिए लाखों करोड़ों रुपये का बजट भी खर्च किया गया है। बावजूद वार्डों से रास्तों से सटे नालों में कूड़े के ढेर डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन योजना पर सवाल उठा रहे हैं।
शहरी क्षेत्र के सफाई सुपरवाइजर रविकांत शर्मा ने बताया कि डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन योजना के तहत शहरी क्षेत्र के हर घर से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जा रहा है। नदी नालों में फेंकी जा रही गंदगी को नगर परिषद के सफाई कर्मचारी हटा रहे हैं। वहीं, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी आदित्य चौहान ने बताया कि खुले में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल पर लाई जाएगी।