सिद्धार्थ खुराना ने ये भी पता करने की कोशिश की कि आत्महत्या के किस तरीके में कितना वक्त लगेगा, किसमें कितनी तकलीफ होगी और खुदकुशी के बाद शरीर पर क्या असर पड़ेगा।
मैंने यू-ट्यूब पर खुदकुशी करने के तरीके सर्च किए जिसमें कई तरीके देखे अधिकतर तरीके ऐसे थे जिनसे मौत बेहद दर्दनाक होती। तभी नाइट्रोजन से किस तरह आत्महत्या की जा सकती है, ये देखा। फिर यही तरीका अपना रहा हूं। ये इसलिए ताकि मौत आसान हो।
हैरान करने वाले तरीके से खुदकुशी करने को लेकर सिद्धार्थ ने ये बातें सुसाइड नोट में लिखी हैं। सुसाइड नोट के मुताबिक उसने इसके अलावा दो और तरीके से सुसाइड करने के बारे में सर्च किया, जिसमें पहला था जहर खाकर और दूसरा था फांसी लगाकर।
ये भी पता करने की कोशिश की कि किसमें कितना वक्त लगेगा, किसमें कितनी तकलीफ होगी और खुदकुशी के बाद शरीर पर क्या असर पड़ेगा। नाइट्रोजन से खुदकुशी के बारे में सर्च करने पर जब पता चला कि महज 40-50 सेकंड में ही मौत हो जाएगी, तो उसने यही तरीका जान देने के लिए तय किया।
भोपाल में रह रहे लखनऊ के आईटी प्रोफेशनल सिद्धार्थ खुराना ने नाइट्रोजन सिलेंडर की मदद से आत्महत्या कर ली। महानगर निवासी किराना व्यापारी अरुण खुराना का बेटा सिद्धार्थ भोपाल में मिसेदा थानाक्षेत्र स्थित निरूपम रॉयल इमारत के फ्लैट में किराये पर रहता था। सिद्धार्थ पहले आईटी कंपनी में काम करते थे, लेकिन छह महीने से वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे।
कब्जे में लिया मोबाइल
स्थानीय पुलिस ने सिद्धार्थ का मोबाइल कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। पुलिस उसके साथ रहने वाली महिला मित्र से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करेगी। सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की भी फोरेंसिक जांच की जाएगी। पुलिस तफ्तीश कर पता करेगी कि खुदकुशी की वजह कोई शख्स तो नहीं? अगर इससे संबंधित कोई साक्ष्य मिलते हैं तो पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी।
खुदकुशी की वजह गंभीर बीमारी या फिर कोई और कारण
पुलिस को सिद्धार्थ के परिजनों ने बताया कि उनका बेटा गंभीर बीमारी की वजह से परेशान चल रहा था। अब सवाल है कि क्या खुदकुशी करने के पीछे यही बीमारी है। या फिर कोई और कारण। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ये स्पष्ट हो सकेगा।